लेकिन सामाजिक संबंध और प्रजनन में अपनी भूमिका के अलावा, ऑक्सीटोसिन माताओं को प्रसव के समय मदद देते हैं। प्रसव के दौरान ऑक्सीटोसिन शक्तिशाली संकुचन को उत्तेजित करता है, गर्भाशय ग्रीवा को फैलाने और खोलने में मदद करता है। यही कारण है कि इसका उपयोग प्रसव के समय दवा के रूप में किया जाता है।
जन्म के दौरान वासोप्रसिन (Vasopressin) भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। माना जाता है यह हार्मोन दर्द हटाने में मदद करता है; क्यों की यह दर्द स्तर बहुत तेजी से बढ़ता है। एक नया अध्ययन - ऑस्ट्रिया के विएना के मेडिकल विश्वविद्यालय (Medical University of Vienna in Austria) के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में - यह जांच कर रही है कि दोनों हार्मोन दोनों कीड़े और इंसानों में कैसे काम करते हैं। अनुसंधान दो हार्मोनों के कृत्रिम समकक्ष के चिकित्सीय प्रभाव की भी खोज करता है।
दोनों वैसोप्रेसिन (vasopressin) और ऑक्सीटोकिन (oxytocin) न्यूरोपेप्टिड्स (neuropeptides) हैं। ऑक्सीटोसिन की तरह, वैसोप्रेसिन भी प्रसव के दौरान संकुचन को उत्तेजित करने में मदद करता है। अब तक मेडिकल वैज्ञानिकों ने दो मस्तिष्क रिसेप्टर्स की पहचान की है जो दो न्यूरोपैप्टाइडों से प्रतिक्रिया करता है: १ ऑक्सीटोसिन रिसेप्टर (oxytocin receptor (OTR)) और ३ वैसोप्रेसिन रिसेप्टर (VR) - VR1a, VR1b, and VR2. इनोसिटिन ( Inocitin Hormone) एक ऑक्सीटोसिन जैसा हॉर्मोन है जो सन्धिपाद में जैसे की चींटियों में उत्पादित होता है। इनोसिटिन ने V1b रिसेप्टर को सक्रिय किया लेकिन V1a को रोक दिया। फिर, ग्रुबर और टीम ने मानव गर्भाशय ऊतक पर इनोसिटिन लिगैंड का परीक्षण किया और पाया कि यह सफलतापूर्वक मांसपेशियों के संकुचन को रोकता है।
इस प्रकार इस शोध के माध्यम से, वैज्ञानिक यह पता लगाने में सक्षम थे कि ऑक्सीटोकिन-वासोप्रसेन रिसेप्टर अपरिपक्व प्रसूति में अवांछित गर्भाशय के संकुचन को रोक सकता है।