Thursday, 01 March 2018 04:27

डाउन सिंड्रोम के लिए टेस्ट

Written by

बच्चे में डाउन सिंड्रोम का इलाज करने के लिए गर्भवती महिलाएं कुछ परीक्षणों से गुजरती हैं। यह आमतौर पर दो प्रकार के परीक्षणों द्वारा पहचाना जा सकता है।

 

१. नान-इनवेसिव टेस्ट (Non-invasive test) ( बिना उपकरणों की टेस्ट )

२. इनवेसिव टेस्ट (Invasive test) (उपकरणों की टेस्ट)

 

नान-इनवेसिव टेस्ट (Non-invasive test)को स्क्रीनिंग टेस्ट भी कहा जाता है और वे दो प्रकार के होते हैं।

 

- पहली तिमाही स्क्रीनिंग टेस्ट

- दूसरी तिमाही स्क्रीनिंग टेस्ट

 

स्क्रीनिंग टेस्ट निश्चित रूप से डाउन सिंड्रोम का निदान नहीं करता हैं, लेकिन जैसा कि ये एक नान-इनवेसिव टेस्ट (Non-invasive test)  है यह एक उपयोगी स्क्रीनिंग पद्धति है। यदि बच्चा उच्च जोखिम दिखाता है या परीक्षण सकारात्मक है तो इनवेसिव टेस्ट (Invasive test) किया जा सकता है।

 

पहली तिमाही स्क्रीनिंग टेस्ट - रक्त परीक्षण और न्युकल स्कैन

 

रक्त परीक्षण - 9 से 14 सप्ताह के दौरान गर्भनाल से उत्पन्न दो प्रोटीन HCG और PAPP-A का प्रमाण जान सकते है।

 

न्युकल स्कैन - न्युकल ट्रांसलुएंसी (Nuchal Transluency) भ्रूण की गर्दन के क्षेत्र में भ्रूण की त्वचा के नीचे द्रव का संग्रह है जिसे त्वचा के नीचे रिक्त स्थान के रूप में देखा जाता है। यह आमतौर पर प्रारंभिक गर्भावस्था के सभी भ्रूण में देखा जाता है। यह स्थान 11 से 14 सप्ताह के दौरान मापा जाता है और 2.5 मिमी से कम होना चाहिए। यदि माप 2.5 मिमी से अधिक है, यह डाउन सिंड्रोम इंगित कर सकता है।

 

 

द्वितीय-तिमाही स्क्रीनिंग ट्रिपल या क्वाड्रपल टेस्ट (Triple or Quadruple) है - यह टेस्ट 15 से 18 सप्ताह के दौरान AFP, HCG, conjugated estriol और inhibin-A के स्तर को मापने के लिए किया जाता है।

 

इनवेसिव टेस्ट्स दो प्रकार के हैं।

 

कोरियोनिक विल्लस (Chorionic villus sampling) का नमूना पहले त्रैमास में किया जाता है और अमीनोओसेंटिस दूसरी तिमाही में किया जाता है। इनवेसिव टेस्ट में जटिलताओं का एक छोटा जोखिम है और कभी-कभी गर्भपात भी होता है।

 

Chorionic villus sampling के दौरान नाल से एक छोटा ऊतक लिया जाता है जिसे कोरियोन (Chorion) कहा जाता है और इसे किसी आनुवंशिक असामान्यताओं के लिए परीक्षण किया जाता है। कोरियोनिक विली के कोशिकाओं में एक ही आनुवांशिक सामग्री होती है, जैसे कि भ्रूण की कोशिकाएं और इस प्रकार इन्हें किसी भी आनुवंशिक असामान्यता का निदान करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। गर्भावस्था के 9 वें और 11 वें सप्ताह के बीच मैं CVS टेस्ट किया जाता है। Amniocentesis आमतौर पर 15 से 18 सप्ताह गर्भावस्था के बीच किया जाता है।

 

 

Last modified on Friday, 03 August 2018 05:53
Dr Padma

Dr Padma is a Family care physician and is the Founder and CEO of MedHealthTV.

www.medhealthtv.com

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.