शिशु के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख पैरामीटर उसका वजन बढ़ना है। गर्भावस्था के दौरान हर अल्ट्रासाउंड में भ्रूण के वजन का विकास को देखा जाता है। पहले 8 हफ्तों के दौरान, भ्रूण का वजन बहुत कम होता है। पहले कुछ हफ्तों में भ्रूण के दिल की धड़कन और दर पर बी नज़र रखी जाती है। 8 सप्ताह से 20 सप्ताह तक, अल्ट्रासाउंड में शिशुओं को सिर से नीचे तक मापा जाता है क्योंकि उनके पैर अभी भी मुड़े रहते है। उसके बाद, शिशुओं को सिर से पैर तक मापा जाता है। स्कैन के दौरान, रेडियोलॉजिस्ट भ्रूण के कुछ माप को लेते है । जैसे - बाइपराइटल व्यास (BPD) जो शिशु के सिर को अगल-बगल से मापना है, फेमूर लंबाई (FL) -मिश्रित जांघ की हड्डी की लंबाई, सिर परिधि (HC), ऑकिपिटोफ्रॉस्टल व्यास (ओएफडी) - नाक की जड़ से लेकर ललाट की हड्डी का सबसे प्रमुख बिंदु, पेट की परिधि (एसी) -
अंजलि मेरी पेशंट आज सुबह मुझे फोन किया। मैं उसके स्वर से इकट्ठा कर चुकी ति कि वह बहुत चिंतित थी । उसने कहा "डॉक्टर, मैं बहुत डरी हुई हूँ, मुझे आज सुबह से थोड़ा रक्थ्स्रव हो रहा है। मैंने उसे पहले शांत होने के लिए कहा। स्पॉटिंग या हल्के रंग के योनि से रक्तस्राव व्यवहार्य और गैर-योग्य दोनों गर्भधारण में हो सकता है। अंजलि अपने 10 वें हफ्ते में थी। यह स्पष्ट रूप से घबराहट करने का विषय है, विशेष रूप से पहली तिमाही में । गर्भावस्ता के पहली तिमाही में सबसे डरने के लिए बहुत आसान है। आप अभी थोड़े दिनों के पहले अपने निकट और प्रिय के साथ समाचार बाट
पेट में बच्चे की चाल की महसूस होना शायद एक गर्भवती महिला के जीवन का सबसे रोमांचकारी क्षण है। पेट मे बच्चे की चाल एक नई ज़िन्दगी की संकेत है। ज्यादातर महिलाएं गर्भावस्था के दौरान 16 से 24 सप्ताह के बीच अपने बच्चे का हिलना महसूस करना शुरू कर देती हैं। बच्चे का हिलना आमतौर पर माँ द्वारा शुरू में ऐसा वर्णित किया जाता है जैसे, जब बच्चा छोटा होता है, तो एक संवेग सा और जब बड़ा होता है तो सरसराहट सा लगता है।